मूंगा (Red Coral Stone) एक कीमती और प्रभावशाली रत्न है जो समुद्र की गहराई में पाए जाने वाले जीवित पौधों (Coral Polyps) से बनता है। इसे हिंदी में मूंगा या प्रवाल रत्न कहा जाता है। इसका रंग लाल, हल्का गुलाबी या नारंगी होता है। वैदिक ज्योतिष में मूंगा रत्न का संबंध मंगल ग्रह (Mars) से है। यह साहस, आत्मविश्वास और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। मुख्य विशेषताएँ (Features): रंग: लाल, गुलाबी, नारंगी ग्रह: मंगल (Mars) धातु: सोना या तांबा पहनने का दिन: मंगलवार जन्म रत्न: मेष (Aries) और वृश्चिक (Scorpio) राशि के लिए शुभ पहचान: असली मूंगा अपारदर्शी होता है, उस पर दरारें या बुलबुले नहीं होते लाभ (Benefits): साहस, आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ाता है करियर और व्यापार में सफलता दिलाता है शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है सेहत के लिए लाभदायक – खासकर रक्त, हड्डी और नसों की समस्याओं में शादी-ब्याह में आ रही बाधाओं को दूर करता है संतान सुख और पारिवारिक जीवन में स्थिरता लाता है FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) प्रश्न 1: मूंगा रत्न किसे पहनना चाहिए? उत्तर: जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ या कमजोर स्थिति में हो, या मंगल दोष हो, उन्हें मूंगा पहनना चाहिए। यह मेष और वृश्चिक राशि वालों के लिए विशेष रूप से शुभ है। प्रश्न 2: मूंगा पहनने का सही दिन और तरीका क्या है? उत्तर: इसे मंगलवार के दिन मंगल मंत्र का जप करके, सोने या तांबे की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की अनामिका (Ring Finger) में पहनना चाहिए। प्रश्न 3: मूंगा कितने कैरेट का पहनना चाहिए? उत्तर: सामान्यतः 5 से 7 कैरेट का मूंगा उपयुक्त होता है, परंतु सटीक वजन आपकी जन्मकुंडली और ज्योतिषी की सलाह के अनुसार होना चाहिए। प्रश्न 4: मूंगा के साइड इफेक्ट्स होते हैं क्या? उत्तर: यदि बिना ज्योतिषीय सलाह के मूंगा पहन लिया जाए, तो यह गुस्सा, चिड़चिड़ापन और अनियंत्रित ऊर्जा जैसी समस्याएँ पैदा कर सकता है। प्रश्न 5: असली और नकली मूंगा में फर्क कैसे पहचानें? उत्तर: असली मूंगा अपारदर्शी होता है, उसमें बुलबुले या दरारें नहीं होतीं। नकली मूंगा अक्सर काँच या प्लास्टिक से बना होता है और हल्का होता है।